ससुर: अरे दामाद जी, तूफान की क्या खबर है? दामाद: कूलर के आगे सो रही है, कहिए तो बात करा दूं ।
खबर ना होती कुछ सुबह की, ना कोई शाम का ठिकाना था, थके हार कर आना स्कूल से, पर खेलने तो जरूर जाना था |
कैसे कह दूँ कि मेरी हर, दुआ बेअसर हो गई, मैं जब-जब रोया तब-तब, महादेव को खबर हो गई, शुभ महाशिवरात्रि।
बेखबर से रहते हो, खबर भी रखते हो, बात भी नहीं करते, और प्यार भी करते हो |